नंबर वन एनजीओ बन गया दिल्ली का लव कमांडो, होप फाउंडेशन भी पीछे


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नई दिल्ली : दिल्ली का लव कमांडो होप फाउंडेशन विश्व का नंबर वन एनजीओ बन गया है. लव कमांडो ने ऑल स्टार स्लॉट्स के चेरिटी कॉन्टेस्ट में पहला नंबर पाया है . ऑल स्टार स्लॉट्स एक ऐसा संस्थान है जो हर साल एक एनजीओ को 5000 डॉलर का पुरस्कार देता है. इसके लिए वो दुनिया भर से ऑनलाइन वोट करने को कहता है. इस बार के ऑन लाइन सर्वे में सबसे ज्यादा लोगों ने लव कमांडो को चुना. लव कमांडो को अब तक 1080 वोट मिल चुके हैं जबकि दूसरे नंबर पर कनाडा का टोरंटो ह्यूमेन संगठन है. तीसरा नंबर होप फाउंडेशन का है जिसे 849 वोट मिले हैं.
लव कमांडो संकट में फंसे प्रेमियों की मदद करता है उनके प्यार को दुनिया, अपने , पराए, सरकारी, और गैर सरकारी दुश्मनों से बचाता है. वो पुलिस से ल़ड़ता है. वो कोर्ट में लड़ता है ज़रूरत पड़े तो सीना तानकर गुंडों के सामने भी खड़ा हो जाता है. भारत और दुनिया का ऐसा कोई न्यूज़ चैनल नहीं है जिसने लव कमांडों के बारे में न लिखा हो. हर अखबार ने इस संगठन की तारीफ छापी है. देश की हर वेब साइट पर लव कमांडो की गाथाएं लिखी हुई हैं.
ऐसे आए लव फरिश्ते
बात साल 2001 की है. फरवरी के दूसरे हफ्ते में वैलंटाइंस पीस कमांडो संगठन बना. इसके जरिए प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा दी जाती है. लव कमांडो के फाउंडर मेंबर संजोय सचदेव ने बताया कि शुरुआती दौर में हमें ज्यादा रेस्पॉन्स नहीं मिला. 2006-07 तक ऐसे ही चलता रहा. जब हम प्यार करने वालों को प्रोटेक्ट करते या पुलिस से उनके लिए मदद मांगते तो वह हमें परेशान करती. साल 2010 में हमारे एक रिश्तेदार के लड़के को झूठे रेप केस में फंसाया गया. इसके बाद हमने लड़की से बात की. तब उस लड़की ने बताया कि मेरे पापा मुझ पर प्रेशर बना कर ऐसा करवा रहे हैं.

हम दोनों रिलेशनशिप में हैं. इसके बाद कोर्ट ने प्रेमी को बेल दे दी. कोर्ट से बाहर निकलने पर मेरे एक दोस्त ने कहा कि ऐसे लोगों को बचाने, पनाह देने और कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए कुछ और बेहतर किया जाना चाहिए. उसके बाद हमने दो हेल्पलाइन नंबर (9313784375 और 9313550006) जारी किए. सबसे बड़ा कन्फूजन नाम को लेकर था. इस मुहिम को नाम क्या दें, तभी मेरे साथी और इस ऑर्गनाइजेशन के फाउंडर मेंबर्स में से एक हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि इसका नाम पीस कमांडो से बदलकर ‘लव कमांडो’ रख लेते हैं.

45 हजार से ज्यादा जोड़ों को पहुंचाई मदद इन साढ़े 5 साल में लव कमांडोज ने पूरे देश में 45 हजार से ज्यादा जोड़ों की समस्या का समाधान करा चुके हैं. नॉर्थ ईस्ट को छोड़ दें तो देश का ऐसा कोई भी स्टेट नहीं जहां लव कमांडो के हौसले ने प्यार करने वालों को मिलाया न हो. इसमें कइ लवबर्ड्स ने इंटरकास्ट, इंटररिलिजन मैरिज, एक ही जाति में और समगोत्र में भी जोड़ों ने शादियां की हैं. दिल्ली-एनसीआर में लवकमांडो का एक बेस सेंटर और 7 मेकशिफ्ट शेल्टर हैं, जहां प्यार करने वालों को पनाह दी जाती है.

कमांडो की सबसे बड़ी चुनौती लव कमांडो के मेंबर संजॉय सचदेव कहते हैं कि सबसे ज्यादा समस्या तब होती है, जब कोई लड़का या लड़की हमसे संपर्क करते हैं और उसके बाद पैरंट्स अक्सर लड़कियों को बंधक बना लेते हैं. उनका मोबाइल बंद कर देते हैं. परिजनों की शिकायत पर पुलिस हमें कागजों में उलझाने की कोशिश करती है. सरकार और कानूनी स्तर पर हर तरह प्यार करने वालों के लिए सकारात्मक रवैये के बावजूद सबकुछ कागजी है. पुलिस का रवैया प्यार करने वालों को लेकर हमेशा निराशाजनक होता है.

संजॉय कहते कि जब हम एक बार मेरठ में प्यार करने वाले एक जोड़े की मदद के लिए गए तो वहां के सरकारी अधिकारियों ने हमें ही प्यार को लेकर उल्टे कानूनी पाठ पढ़ाने शुरू कर दिए. हमने आजतक किसी धर्म-जाति को मानने वाले पर उसे बदलने का प्रेशर नहीं डाला. जोड़े अपनी मर्जी से धर्म बदलते हैं या वही बनाए रखते हैं और शादी के लिए मनमुताबिक रीति-रिवाज चुनते हैं.