चुनाव से पहले मायावती के नज़दीकी लोगों पर शिकंजा. 3 के खिलाफ FIR


Deprecated: Creation of dynamic property Maghoot_Theme::$loop_meta_displayed is deprecated in /var/www/vhosts/knockingnews.com/httpdocs/wp-content/themes/magazine-hoot/template-parts/loop-meta.php on line 108

लखनऊ: यूपी चुनाव में मायावती पर एक के बाद एक हमले हो रहे हैं. मायावती दर असल मजबूत दावेदारों में होने के कारण अखिलेश यादव और बीजपी दोनों को ही सबसे बड़ा टारगेट दिख रही है. वजह साफ है. अगर मायावती कमज़ोर होती हैं तो दोनों को ही फायदा दिखता है.

पहले मायावती के बैंक अकाउट निशाने पर रहे अब सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने बीएसपी के पूर्व मंत्रियों, विधायकों और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष पर शिकंजा कस दिया है. स्मारक घोटाले के तहत सतर्कता आठ मामलों की जांच कर रही है. इसमें से दो मामलों में सतर्कता चार्जशीट दाखिल करने जा रही है.

इन मामलों में बीएसपी के दो पूर्व मंत्रियों- नसीमुद‌्दीन सिद‌्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 लोग आरोपित हैं. छह अन्य आरोपों की जांच भी अंतिम दौर में है.

एक अन्य मामले में, जौनपुर के मड़ियाहूं से बीएसपी विधायक रहे केके सचान आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाए गए हैं. सतर्कता के निदेशक भानुप्रताप सिंह ने जांच रिपोर्ट व उनके खिलाफ एफआईआर की संस्तुति शुक्रवार को शासन को भेज दी है.

बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर की संस्तुति शासन को भेजी जा रही है.

नसीमुद्दीन, कुशवाहा: चार्जशीट की तैयारी

पहला केस- नियम विरुद्ध कंर्सोटियम (पट्टाधारकों के समूह बनाकर पत्थरों की सप्लाई) बनाने के इस मामले में सतर्कता को साक्ष्य मिले हैं कि आठ जुलाई 2008 को हुई बैठक में यूपी उप खनिज (परिहार) नियमावली 1963 का उल्लंघन हुआ. बैठक में दिए गए सुझावों को नजरअंदाज कर कंर्सोटियम बनाए गए और उनसे पत्थरों की आपूर्ति का अनुबंध किया गया.

दूसरा केस- सतर्कता को साक्ष्य मिले हैं कि 18 जुलाई 2007 को पत्थरों की खरीद के लिए बनी संयुक्त क्रय समिति की बैठक में नियमों को दरकिनार किया गया. बिना टेंडर बाजार से ऊंचे रेट पर मिर्जापुर सैंड स्टोन के ब्लाक खरीदने व सप्लाई के लिए मनमाने रेट तय किए गए. आरोपितों ने निजी लाभ के लिए मनमाने ढंग से दरें तय कर करोड़ों का वारा-न्यारा किया. दाम ज्यादा दिखाने के लिए पत्थरों की खरीद कहीं से हुई, कटान कहीं हुई और सप्लाई कहीं और से की गई. रॉयल्टी व ट्रेड टैक्स से अधिक रेट पर पेमेंट का फैसला हुआ. 28 फरवरी 2009 की बैठक में चुनार पत्थर की आपूर्ति के लिए मनमाने ढंग से रेट निर्धारित किए गए.

स्मारक घोटाला

1410 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिंद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा, राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन एमडी सीपी सिंह, खनन के तत्कालीन संयुक्त निदेशक सोहेल अहमद फारुकी, तत्कालीन अपर परियोजना प्रबंधक राकेश चंद्रा, निर्माण निगम के इंजीनियर अडिशनल प्रॉजेक्ट मैनेजर एसके सक्सेना, यूनिट इंचार्ज केआर सिंह, एई राजीव गर्ग, प्रोजेक्ट मैनेजर एसपी गुप्ता, एसके अग्रवाल, पीके जैन, आरके सिंह, बीडी त्रिपाठी, मुकेश कुमार, हीरालाल, एसके चंदेल, एसपी सिंह, मुरली मनोहर और एसके शुक्ला आरोपित हैं.

बीएसबी अध्यक्ष भी लपेटे में

बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में सतर्कता की जांच में दोषी पाए गए हैं. सतर्कता इनके खिलाफ भी शासन को एफआईआर की संस्तुति भेज रहा है. सतर्कता के सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह सामने आया है कि राम अचल राजभर की वर्ष 2007 से 2012 के बीच कुल आय करीब 34 लाख रुपये है. जबकि खर्च चार करोड़ रुपये है. यह आय से 812 प्रतिशत अधिक है.

केके सचान: आय से अधिक संपत्ति में होगी FIR

सतर्कता की एक अन्य जांच में बीएसपी के पूर्व विधायक केके सचान आय से अधिक संपत्ति रखने के दोषी पाए गए हैं.

सतर्कता ने उनके खिलाफ इस मामले में एफआईआर करवाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी है. सतर्कता की जांच के अनुसार, वर्ष 2007 से 2011 के बीच सचान की कुल आय करीब 66 लाख रुपये है जबकि खर्च डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा है. यह उनकी आय से 97 प्रतिशत अधिक है.