बाप बेटे दोनों के हाथ से जा सकती है साइकिल, चुनाव आयोग के हाथ में फैसला

पिता पुत्र के झगड़े में समाजवादी पार्टी खत्म होने के कगार पर आ गई है. इस बात की पूरी गुंजाइश है कि आने वाले चुनाव में समाजवादी पार्टी के दोनों धड़ों को ही साइकिल चुनाव चिन्ह न मिले.

मामला चुनाव आयोग की अदालत में है. इस बात की पूरी गुंजाइश है कि आपस के झगड़े में समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल फ्रीज़ कर दिया जाए. इसके बाद दोनों  ही पक्षों को ये चुनाव चिन्ह नहीं मिल सकेगा.

इस दिशा में बीजेपी अंदर ही अंदर पूरी ताकत के साथ जुट गई है और कोशिश है कि चुनाव चिह्न फ्रीज़  हो जाए. उसने चुनाव आयोग में अपने नज़दीकी लोगों को फैसले पर असर डालने का काम भी शुरू कर दिया है.

पिता मुलायम और बेटे अखिलेश गुट दोनों ही साइकिल चुनाव चिह्न पर दावा जता रहे हैं. दोनों ही गुट साइकिल पर अपनी दावेदारी को लेकर चुनाव आयोग तक पहुंच गए हैं. मुलायम सिंह और अमर सिंह साढ़े 4 बजे चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचेगे. वहीं रामगोपाल ने अब तक चुनाव आयोग से मिलने का समय नहीं मांगा है.

मुलायम सिंह यादव सोमवार को दिल्ली में ही अमर सिंह से मुलाकात करेंगे और उनके साथ शिवपाल यादव भी होंगे. अमर सिंह लंदन से दिल्ली पहुंच गए हैं. इस बीच, मुलायम सिंह यादव ने 5 जनवरी का अधिवेशन स्थगित कर दिया है. शिवपाल यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

अखिलेश के महासम्मेलन को असंवैधानिक बताने के बाद मुलायम सिंह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. पार्टी पर अपने दबदबे को कायम रखने के लिए मुलायम सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. साथ ही वे दिल्ली आकर वरिष्ठ वकीलों से संपर्क साध सकते हैं. चुनाव चिन्ह के लिए वे चुनाव आयोग से मिलेंगे. मुलायम के साथ उनके वकील भी होंगे.

पार्टी सिंबल को लेकर जारी विवाद में अखिलेश के समर्थक एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि हम अखिलेश के नाम पर चुनाव लड़ेंगे. उदयवीर ने कहा कि अखिलेश खुद में ब्रांड हैं. उदयवीर ने हालांकि उम्मीद जताई कि नेताजी समझाने पर मान जाएंगे.

इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार इमोशनल कार्ड खेल रहे है. उन्होंने अपनी करीबी विधायकों से कहा कि वे चुनाव की तैयारी करें. अखिलेश ने कहा कि हम और नेताजी एक ही हैं. आप हमारे नारे लगाते हैं तो उनके भी लगाएं. आप लोग उनसे भी मिलें. अखिलेश मंगलवार को एक बार फिर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे. मुलायम भी दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.

उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से फिट हूं. मीडिया ने मेरा हमेशा साथ दिया, मैंने कोई भ्रष्टाचार या गलत काम नहीं किया है. आरोप लगा तो सुप्रीम कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी मेरी है और इसका चुनाव चिह्न भी मेरा है.