नई दिल्ली: नोटबंदी से उद्योगों पर बुरा असर पड़ने कीर KnockingNews की खबर की पुष्टि हुई है. Knocking News ने खबर दी थी कि भारत के उद्योंग धंधों पर नोटबंदी से बुरा असर हुआ है. BBC ने ऑल इंडिया मैन्युफ़ैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन (एआईएमओ) के एक अध्ययन के हवाले से खबर दी है कि भारत में 8 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच लाखों लोगों की नौकरियां गई हैं.
AIMO से 13,000 उद्योग-धंधे सीधे जुड़े हुए हैं और तक़रीबन तीन लाख सदस्य परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं.
यह सिर्फ एमएसएमई यानी माइक्रो, स्मॉल और मीडियम आकार की कपंनियों और करोबारियों का संगठन है. इसके ज़्यादातर सदस्य महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हैं.
एआईएमओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केई रघुनाथन के हवाले से BBC ने बताया कि नोटबंदी का सबसे अधिक असर माइक्रो और लघु क्षेत्र की उत्पादन (मैन्युफ़ैक्चरिंग) इकाइयों पर पड़ा.
इस क्षेत्र में 35 प्रतिशत नौकरियां ख़त्म हो गईं. कुल मिला कर लगभग 12 लाख से 13 लाख लोगों की नौकरियां गईं.
इसके बाद सबसे अधिक प्रभाव बुनियादी सेवाओं के क्षेत्र, ख़ास कर, निर्माण के क्षेत्र में काम कर रही इकाइयों पर पड़ा. इस क्षेत्र में लगभग तीन से चार लाख लोगों को नोटबंदी के बाद नौकरियों से निकाल दिया गया.
मझोले उद्योगों पर काफ़ी कम असर पड़ा. इस क्षेत्र में लगभग 20,000 से 25,000 लोगों की नौकरी चली गई. लेकिन यह पूरी तस्वीर नहीं है.
रघुनाथन ने कहा, “उत्पादन क्षेत्र की मझोली इकाइयों में आप किसी को नौकरी से तुरंत नहीं निकाल देते हैं. आप कुछ दिन इंतजार करते हैं, स्थिति सुधारने की कोशिश करते हैं. इन इकाइयों पर बुरा असर भी तुरंत नहीं दिखता, कुछ दिन बाद यह असर दिखने लगता है.”
नोटबंदी के असर का अध्ययन करने के लिए एआईएमओ ने एक टीम गठित की. इसके अलावा संगठन से जुड़े 14 राज्य इकाइयों से भी आंकड़े मंगवाए गए.
पूरे अध्ययन का ज़ोर नोटबंदी के बाद से 12 दिसंबर तक इस क्षेत्र में होने वाले नुक़सान का पता लगाना था.