पाकिस्तान ने जारी किया कुलभूषण का एक और वीडियो

नई दिल्लीै: पाकिस्तान की सेना ने कुलभूषण जाधव के कथित कबूलनामे का दूसरा वीडियो जारी किया है. 9 मिनट 50 सेकेंड के इस वीडियो में जाधव अपना जुर्म कबूल करते दिख रहे हैं. इधर पाकिस्तान की जेल में बंद जाधव ने सेना प्रमुख के सामने दया याचिका दायर की है. पाक सेना का दावा है कि जाधव ने अपनी जासूसी और आतंकी गतिविधियों के लिए माफी मांगी है.

 

जाधव की एक दया याचिका पाकिस्तान पहले ही ख़ारिज कर चुका है. कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने फांसी की सजा सुनाई है. भारत ने जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा के खिलाफ आठ मई को अंतरराष्ट्रीय अदालत का रुख किया था. मामले में 18 मई को हुई सुनवाई में आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने जाधव की सजा पर रोक लगा दी.

इंटर-सवर्सिेस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) ने एक बयान में दावा किया कि जाधव ने अपनी याचिका में पाकिस्तान में जासूसी, आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियों में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया है और जान माल के नुकसान के लिए पछतावा जताया है.
आईएसपीआर ने कहा, ‘अपने कृत्य के लिए माफी मांगते हुए उन्होंने सेना प्रमुख से अनुरोध किया है कि अनुकंपा के आधार पर उनकी जिंदगी बख्श दें.’ बयान में कहा गया है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव ने पहले सेना की अपीली अदालत में गुहार लगाई थी जिसे खारिज कर दिया गया. कानून के मुताबिक जाधव क्षमादान के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को अपील कर सकते हैं और खारिज किये जाने पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति के सामने गुहार लगा सकते हैं.

पाकिस्ता नी सेना ने कहा कि उसने वीडियो जारी किया है ताकि दुनिया जान ले कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ क्या किया है और क्या करता जा रहा है.

गौरतलब है कि कुलभूषण सुधीर जाधव को पाकिस्ताकन ने रॉ का एजेंट बताते हुए उन पर जासूसी का आरोप लगाते हुए फांसी की सजा सुनाई है. पाकिस्ता न का दावा है कि उसने रॉ की जासूसी के आरोप में कुलभूषण(46) को बलूचिस्ता.न से पकड़ा था.

हालांकि उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि उनका तालिबान ने अपहरण कर पिछले मार्च में पाकिस्ताान को बेच दिया था. भारत सरकार ने माना है कि वह पूर्व नौसेना अधिकारी थे और 14 साल सेवा में गुजारने के बाद समय से पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था.

वह 2003 में रिटायर हो गए थे. हालांकि पाकिस्तानन का दावा है कि जाधव अभी भी भारतीय नौसेना के अधिकारी हैं और उनको 2022 में रिटायर होना था.
उल्लेीखनीय है किपाकिस्तान में कुलभूषण पर पाकिस्तान आर्मी कानून के तहत मुक़दमा चलाया गया. पाकिस्तान लगातार ये दावा कर रहा है कि वो रॉ के एजेंट हैं. हालांकि भारत पहले ही साफ़ कर चुका है कि कुलभूषण रॉ एजेंट नहीं हैं.

भारत ने कहा था कि वो नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं, लेकिन वो किसी भी रूप में सरकार से नहीं जुड़े हुए हैं. पाकिस्तान ने आरोप लगाए कि जाधव पाकिस्तान को अस्थिर करना और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जंग छेड़ना चाहते थे. कुलभूषण को 3 मार्च 2016 को ईरान से पाक में अवैध घुसपैठ के चलते गिरफ़्तार किया गया था.