मोदी सरकार ने की 1 दिन में 12 बड़ी भूल, सालों तक पड़ेगा इसका असर

आखिर बीजेपी का इरादा क्या है? किसी को भी शहीद हुए सैनिक के परिवार से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा. जानिए सरकार ने आज कौनसी बड़ी भूल कीं.

  1. OROP के लिए आंदोलन कर रहे सैनिकों को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मिलने का समय नहीं दिया. पहले से ही परेशान चल रहे सैनिकों को इससे काफी निराशा हुई.
  2. जब कांग्रेस और आप लगातार पिछले कई दिनों से OROP पर सरकार से कई मांगे कर रहे थे तो समय देना चाहिए था.
  3. समय देने से पूर्व सैनिक की निराशा बढ़ गई और उसने सल्फास की गोलियां खा लीं. सुसाइड नोट भी वो उस ज्ञापन के पीछे लिखकर गया जो मनोहर पर्रिकर को देने के लिए तैयार किया गया था
  4. सैनिक के परिवार के सदस्यों को भी परेशान किया गया. शहीद सैनिक के बेटे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. एक तरफ उसके पिता का पोस्टमॉर्टम चल रहा था तो दूसरी तरफ उसे हवालात में डालदिया गया. बेटे से तो किसी तरह का कानून व्यवस्था भंग होने का खतरा नहीं था.
  5. शहीद परिवार से मिलने गए नेताओं को पुलिस ने मिलने नहीं दिया.
  6. दोनों अस्पताल में मॉर्चरी मुख्य बिल्डिंग से काफी दूर थी. वहां न तो मरीज़ भर्ती होते हैं न मिलने वालों की आवाजाही होती है. इसलिए रोकने का कोई तुक नहीं था.
  7. अगर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार से मिल लेते तो कौनसा पहाड़ टूट जाता. आखिर थाने में तो वो मिले ही.
  8. जनरल वीके सिंह ने मूर्खता की हद कर दी. उन्होंने तो दिवंगत पूर्व सैनिक की मानसिक दशा पर ही घटिया सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि पता करना चाहिए के मामला OROP का था भी या नहीं.
  9. एक तरफ सरकार सैनिकों के नाम पर एक दिया जलाने का अभियान चला रही है दूसरी तरफ सैनिकों की विकलांगता पेंशन कम बेहद कर कर दी. ये पेंशन युद्ध में घायल हुए सैनिकों को दी जाती है.
  10. सरकार ने सेना के नाम पर खूब मशहूरी बटोरी लेकिन सैनिकों की रैंक घटा दी है. सभी सैनिक अफसर अपमानित अनुभव कर रहे हैं.
  11. आज के इमरजेंसी जैसे ऑपरेशन से मोदी सरकार के खिलाफ ये सारे मुद्दे भी उठ गए हैं. स
  12. अब सरकार जब भी देश के नाम शहीदों के बारे में बात करेगी तो ये दिन हमेशा याद आएगा.