युद्ध हुआ तो कौन सा देश होगा किसके साथ. ये है दोस्तों और दुश्मनों की लिस्ट

भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है. सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों को निस्तनाबूद कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने भी एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन किया. इस तनाव के बीच ये सावाल बार बार सबके मन में आ रहा है कि भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध की हालत में कौन किसका साथ देगा. इस बीच दोनों देश अपने मित्रों से लगातार बातचीत कर रहे हैं. यहां हम आपको वो संभावित सूची दे रहे हैं जिससे पता लगेगा कि कौन किसके साथ खड़ा होगा

पाकिस्तान के साथी
चीन- अगर भारत के साथ युद्ध की की परिस्थितियां बनती हैं तो चीन, पाकिस्तान की मदद कर सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि चीन की ओर से पाकिस्तान में किया गया निवेश जो कि करीब 46 बिलियन डॉलर से ज्यादा का है. यह बात अलग है कि चीन, भारत में आतंकी हमले होने के बाद साथ मिलकर आतंकवाद का सामना करने की बात करता है लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अक्सर पाकिस्तानी आतंकियों का बचाव करता नजर आता है.
तुर्की- इस्लामिक राष्ट्र होने की वजह से ऐतिहासिक रुप से तुर्की और पाकिस्तान के संबंध काफी बेहतर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तुर्की पाकिस्तान के अच्छे दोस्तों में माना जाता है. हाल ही में पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से मुलाकात की थी.
मिस्र- अरब गणराज्य मिस्र और इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध सालों से है. साल 1947 में आधुनिक संबंध तब बने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने मिस्र में राजा फुआद I द्वारा भेजे गए विशेष निमंत्रण पर पहुंचे थे. इजिप्ट से पाक के संबंध फिलहाल ऐसे हैं कि अगर युद्ध सरीखी कोई परिस्थिति बने तो उसे मदद मिलेगी.
सऊदी अरब- पाकिस्तान के सऊदी अरब से अच्छे संबंध किसी से छिपे नहीं है. बीते दिनों सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान पहुंचे थे जहां उनके स्वागत में पाकिस्तान सरकार ने पलक पांवड़े बिछा दिए थे. इतना ही नहीं पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान, क्राउन प्रिंस के ड्राइवर तक बन गए थे.
खाड़ी देश : भारत से युद्ध की परिस्थिति में खाड़ी देश जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं, वे इसकी मदद कर सकते हैं.

भारत के साथी
अमेरिका- यूं तो अमेरिका और पाकिस्तान के बीच गहरा रिश्ता है. पाकिस्तान, अमेरिका के अरबों डॉलर के कर्ज के नीचे दबा हुआ है. अमेरिका, पाकिस्तान को हथियारों की मदद भी करता है. इतना ही नहीं भारतीय एयर स्ट्राइक के बाद पाक के दावे के मुताबिक जिस पाकिस्तानी विमाम F-16 ने भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 का पीछा किया था वह भी अमेरिका ने ही उसे बेचा है. हालांकि भारत सरकार की मौजूदा विदेश नीति को ध्यान में रखें तो अमेरिका, भारत की मदद कर सकता है. अगर पाकिस्तान को चीन से मदद मिलती है तो अमेरिका निश्चित तौर पर भारत की मदद करेगा.

रूस- रूस और भारत की दोस्ती आज के समय की नहीं है. दोनों देशों ने संकट के समय में एक दूसरे का साथ दिया है. भारत की रूस से पुरानी दोस्ती है. ऐसे में भारत को रूस से भी मदद मिल सकती है. रूस, भारत का सामरिक साझेदार भी है.

ऑस्ट्रेलिया- पाक से युद्ध की परिस्थिति में ऑस्ट्रेलिया भी भारत की मदद कर सकता है. ऑस्ट्रेलिया की ओर से कहा गया, ‘पाकिस्तान को अपने क्षेत्र में आतंकवादी समूहों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद भी शामिल है, जिसने 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी.’ ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पाइन ने कहा कि पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद को खत्म करने के लिए अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करनी चाहिए.
जापान – भारत और पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति में जापान भी भारत की मदद कर सकता है. भारत और जापान के बीच सामरिक साझेदारी है. चीन को घेरने के लिए भी भारत, जापान के लिए महत्वपूर्ण है. भारत में जापान ने कई परियोजनाओं में निवेश भी किया हुआ है.
फ्रांस – भारत और पाक के बीच युद्ध की स्थिति में फ्रांस भी भारत की मदद कर सकता है. फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी भी है.

इजरायल – भारत की मदद इजरायल भी कर सकता है. पुलवामा हमले के बाद ही इजरायल ने भी भारत को इस मामले हर तरह की मदद देने की पेशकश की है. इजरायल ने कहा है कि वह आतंकियों का खात्माभ करने के लिए भारत की हर मदद करने को तैयार है.
नाटो- अमेरिकी नेतृत्व के तहत साल 1949 में बने नाटो में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, इटली, नीदरलैंड, आइसलैण्ड, बेल्जियम, लक्जमर्ग, नार्वे, पुर्तगाल और डेनमार्क शामिल है. ऐसे में नाटो देश भारत की मदद कर सकते हैं.

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