रघुराम राजन ने बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर का पद ठुकराया, बताया ये कारण

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रह चुके रघुराम राजन बैंक ऑफ इंग्लैंड में इस पद के लिए अप्लाई नहीं करेंगे. राजन ने साफ किया कि वो एक शिक्षक है और शिकागो यूनिवर्सिटी में उनके पास अच्छी नौकरी है. राजन ने कहा कि वो एक बैंकर नहीं है, इसलिए उनका फिलहाल यूनिवर्सिटी की नौकरी छोड़ने का कतई मन नहीं है.

 

2019 में खाली होगा पद

जून 2019 में बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर का पद खाली होगा. अभी वहां पर मार्क कार्ने गवर्नर है, जो कि पहले कनाडा के सेंट्रल बैंक में भी प्रमुख का दायित्व निभा चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की सरकार इस पद के लिए उम्मीदवारों की तलाश कर रही है.

 

बैंक ऑफ इंग्लैंड के तीन शताब्दियों के इतिहास में 2013 में पहली बार उन्होंने विदेशी गवर्नर के रूप में यह पद संभाला था. अब उनके उत्तराधिकारी की तलाश भी वैश्विक स्तर पर की जा रही है. यानी इस बार फिर विदेशी अर्थशास्त्री को कमान मिल सकती है. इस वक्त शिकागो में रह रहे राजन मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं.

 

अमेरिका में भी चर्चा

क्या भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख हो सकते हैं? अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल मैगजीन बैरन्स की नजर में राजन फेडरल रिजर्व के नेतृत्व के लिए बिल्कुल आदर्श उम्मीदवार हो सकते हैं.

 

दरअसल ट्रंप प्रशासन फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष जेनेट येलन की उत्तराधिकारी की तलाश में है और इस वजह से मीडिया में अमेरिकी केंद्रीय बैंक के नेतृत्व करने वाले आदर्श उम्मीदवारों के नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं. येलन का कार्यकाल अगले साल के शुरू में खत्म हो रहा है.

 

बैरन्स की नजर में राजन बैंक का नेतृत्व करने की क्षमता रखने वाले एक आदर्श उम्मीदवार हैं. उनके पक्ष में दिए गए तर्क में कहा गया है कि जब स्पोर्ट्स टीमें पूरी दुनिया से टैलेंट को भर्ती कर सकती हैं तो फिर सेंट्रल बैंक के लिए दुनिया भर के योग्य उम्मीदवारों को क्यों नहीं लाया जा सकता.

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