मैंने हनुमान जी को दलित नहीं कहा, लेकिन …


तीन राज्यों में पटखनी खाने के बाद योगी आदित्य नाथ के हाथ पांव फूल गए हैं. हालात ये है कि योगी अब बार बार सफाई दे रहे हैं कि उन्होंने हनुमान को दलित नहीं कहा. पटना के महावीर मंदिर में आकर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने बजरंबली की जाति नही बताई थी. मोदी ने इस मंदिर को इसलिए चुना क्योंकि यहां का पुजारी एक दलित है.

उन्होंने कहा कि हमने इस बात को कहा था देवत्व व्यक्ति के कृत्य में समाहित होता होता है और देवत्व हर जाति हर स्थान हर योनि में है प्राप्त किया जा सकता है बजरंगबली उसके उदाहरण है, पटना के महावीर मंदिर का उदाहरण देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जातिवाद छुआछुत के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों के लिए यह मंदिर बहुत बडा जवाब है. पटना के महावीर मंदिर में पिछले 25 वर्षों से दलित मुख्य पुजारी हैं

योगी जनकपुर में मुख्य समारोह में शामिल होने के बाद वो सीधे यहां पहुंचे.  योगी आदित्यनाथ को मंदिर के मुख्य पुजारी फलहारी बाबा ने पूजा कराई. पूजा के बाद उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे पटना में ऐतिहासिक महावीर मंदिर में बजरंगबली के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उन्होने कहा कि  पटना का यह महावीर मंदिर हम सब के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है मंदिर की व्यवस्था का संचालन कैसे होना चाहिए उसका आदर्श रूप तो है ही साथ ही साथ भारत के सनातन धर्म की परंपरा में छुआछूत के लिए कोई जगह नहीं इस बात को 10 को पूर्व महावीर मंदिर के माध्यम से आचार्य किशोर कुणाल जी ने मेरे पूज्य गुरुदेव परम पूज्य राम चरण दास जी महाराज ने यहां पर आकर के इस पूरे कार्यक्रम में सहभागी बन करके रविदास मंदिर अयोध्या के फलाहारी बाबा को यहां पर स्थापित करने में उस समय जो योगदान दिया था मुझे लगता है कि जातिवाद छुआछूत के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों के लिए वह अपने आप में एक बहुत बड़ा जवाब था.

आलेख 2 ऐतिहासिक महावीर मंदिर के मुख्य पुजारी फलहारी बाबा पिछले 25 वर्षों से यहां पूजा करा रहें हैं बाबा का कहना है कि उन्हें कभी ये महसूस नही हुआ कि वो दलित है उन्हें सबका प्यार मिलता हैं. पिछले 39 वर्षों से फलाहार पर रहने वाले बाबा ने कहा कि दलित की राजनीति करने वाले ही उसके सबसे बडे दुश्मन है. उन्होंने कहा कि मै दलित हूं लेकिन मेरा संस्कार ब्राहमण है इसलिए ब्राहमण भी मेरा पैर दबाते हैं.

आलेख 3 पूर्व आईपीएस और महाबीर मंदिर के कर्ताधर्ता आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि 13 जून 1993 को फलाहारी सूर्यवंशी दास जी को हमने स्थापित किया. यहा रामानंद संप्रदाय का मंदिर हैं. यहां जातपात कुछ नही होता है सो हरि को भजे सो हरि के सिद्धांत है भक्ति के सामने कोई वर्ग विभेद नही हैं. योगी आदित्यनाथ के बजरंगबली का जात बताने पर

उन्होंने कहा कि दलित नया शब्द है इसलिए हनुमान जी को दलित नहीं कहा जा सकता लेकिन राम कथा के जो सबसे बड़े विद्वान उदवंत विद्वान फादर कामिल बुल्के जी थे उन्होंने एक पुस्तक लिखी है रामकथा उत्पत्ति और विकास उसमें उन्होंने लिखा है कि हनुमान जी वानर गोत्री य आदिवासी थे पुस्तक भी है समर्पित भी कर रहा हूं इसमें आप लोग सुंदरकांड बराबर पढ़ते होइयेगा , तो तुलसीदास जी ने विनय पत्रिका में भी लिखा है, लेकिन हनुमान जी वंचित वर्ग से आदिवासी वर्ग से आते थे, योगी जी सही बोले वंचित पहले का शब्द है दलित नया शब्द इतना ही नहीं हमने तो उस दिन भेजा भी था भागवत में वानर लोगों ने ही स्तुति की है इसमें ना हमलोगों का कोई कूल है ना वंश है कुछ नहीं है फिर भी राम जी ने हम लोगों पर ध्यान दे कर के हम लोगों का उद्धार किया है.

आलेख 4 हांलाकि योगी आदित्यनाथ ने पटना के महाबीर मंदिर में आकर कहा कि हमने बजरंगबली की जात नही बताई थी हमने इस बात को कहा था देवत्व व्यक्ति के कृत्य में समाहित होता होता है और देवत्व हर जाति हर स्थान हर योनि में है प्राप्त किया जा सकता है.

साधु समाज के महामंत्री पूज्य स्वामी श्री हरिनारायण जी महाराज जो पिछले कई माह से अस्वस्थ चल रहे हैं उन्हें  देखने पटना के एक निजी अस्पताल गए उसके बाद उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की. 

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