नितीश सरकार को पहले से पता था शेल्टर होम का हाल, दबा दी रिपोर्ट

अगर बिहार में जंगल राज की जगह सुशासन होता तो अनगिनत लड़कियों की आबरू बच जाती. अब जो खुलासा हुआ है उससे पता चलता है कि सरकार को लड़कियों के शेल्टर होम में होने वाले घिनौने कामों की जानकारी थी.

राज्य की बाल अधिकार आयोग (बिहार कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स) की अध्यक्ष डॉ.एच.कौर का कहना है कि उन्होंने शेल्टर होम को खाली कराने की सिफारिश की थी जिसे सरकार ने नहीं माना.

 

शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि साल 2017 में उन्होंने उस शेल्टर होम का दौरा किया था. अध्यक्ष के मुताबिक, उन्होंने तभी शेल्टर होम को खाली कराने के लिए सिफारिश की थी.

 

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष ने बताया, “मैं पिछले साल वहां गई थी. मैंने वहां पर लड़कियों को कमरे में बंद देखा था. उस मसले पर सवाल भी उठाया था कि आखिर क्यों उन लड़कियों को कैद कर के रखा गया है? मुझे तब बताया गया था कि वे लड़कियां भाग जाएंगी, लिहाजा उन्हें बंद कर के रखा जाता है.”

 

उन्होंने आगे कहा कि 51 लड़कियां तब वहां थीं, जहां पर शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं तक नहीं थीं. लड़कियां बेहद घबराई हुई थीं. हमारी ओर से इस संबंध में समाज कल्याण विभाग को पहले ही रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है, जिसमें सुझाव दिया गया था कि शेल्टर होम को खाली कराया जाएगा. लेकिन इस रिपोर्ट को दबा दिया गया.

 

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